• Episode 3 - तुम irrelevant हो

  • Sep 10 2024
  • Length: 4 mins
  • Podcast

Episode 3 - तुम irrelevant हो

  • Summary

  • जैसे ये शरीर की सुई थी, वैसी ही क्या कोई सिरेंज मन को टटोलने के लिए मिलती है? क्या मन की परतों में कोई सुई घुसाई जा सकती है और उसका हाल पता किया जा सकता है? क्या मन को कोई गोली देकर भटकाया जा सकता है, ख़ुश किया जा सकता है, कुछ भूलने को विवश किया जा सकता है। बात न मानने पर क्या मन की बाँह मरोड़ी जा सकती है या उसे चांटा लगाया जा सकता है?
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