• Episode 9 - प्रेम गीत
    Oct 1 2024
    तुम्हारे भरोसे का आधार तो मैं ही हूं फिर मेरे भरोसे का आधार तुम क्यों नहीं हो? क्या मैंने भविष्य देख लिया है या मुझे अतीत ने ही डस लिया है?
    Show More Show Less
    3 mins
  • Episode 8 - दुनियां का पहला आदमी
    Sep 30 2024
    आदमी को जितना सोचना चाहिए, उससे ज़्यादा सोचने की बीमारी से वह अभिशप्त है।
    Show More Show Less
    3 mins
  • Episode 7 - Natgeo से Pogo
    Sep 24 2024
    लड़ने से ज़्यादा न लड़ने का डर ज़्यादा बड़ा होता है। जब हम लड़ते हैं तो किसी से लड़ते हैं और जब हम लड़ना स्थगित करते हैं तो ख़ुद से लड़ते हैं। ख़ुद से लड़ने में हार ही हार है।
    Show More Show Less
    3 mins
  • Episode 6 - One Night Stand
    Sep 17 2024
    परिचित गंध को अपरिचित शरीर में ढूंढने की जद्दोजहद
    Show More Show Less
    3 mins
  • Episode 5 - भूखे आदमी की फ़िक्र
    Sep 11 2024
    मेरे लिए कभी किसी का पानी आंखों से उतर कर मट्टी में नहीं समाया। अगर समाया होता तो मैं उसे ढूंढ लेता हर उस कण में जहां उसके मिलने की उम्मीद होती और उसे बाहर खींचने में त्याग देता अपनी भी आंख का खारा पानी।
    Show More Show Less
    3 mins
  • Episode 4 - इस ख़्याल को रुक जाना चाहिए
    Sep 10 2024
    कुछ लोग ख्यालों को दबाना सीख चुके हैं, वे लोग उदास हैं। कुछ ने अभी नहीं सीखा है, वे जल्दी में हैं, उन्हें उनके ख्याल से भी पहले कहीं पहुंचना है।
    Show More Show Less
    3 mins
  • Episode 3 - तुम irrelevant हो
    Sep 10 2024
    जैसे ये शरीर की सुई थी, वैसी ही क्या कोई सिरेंज मन को टटोलने के लिए मिलती है? क्या मन की परतों में कोई सुई घुसाई जा सकती है और उसका हाल पता किया जा सकता है? क्या मन को कोई गोली देकर भटकाया जा सकता है, ख़ुश किया जा सकता है, कुछ भूलने को विवश किया जा सकता है। बात न मानने पर क्या मन की बाँह मरोड़ी जा सकती है या उसे चांटा लगाया जा सकता है?
    Show More Show Less
    4 mins